जौनसार बावर से अतिक्रमण हटाने को लेकर केंद्रीय रक्षा मंत्री से मिले राकेश उत्तराखंडी, बाहरी लोगों पर अतिक्रमण का आरोप

जौनसार बावर में बाहरी लोगों के अवैध कब्जों को हटाने और चकराता को पर्यटन के नक्शे पर विकसित करने की मांग रुद्र सेना ने रक्षा मंत्री से की है। रविवार को दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ से मुलाकात कर रुद्र सेना के अध्यक्ष ने उन्हें जौनसार बावर परगने में बाहरी लोगों द्वारा बड़े पैमाने पर किए जा रहे अवैध कब्जों की जानकारी दी।

रक्षा मंत्री को रुद्र सेना के संस्थापक अध्यक्ष राकेश उत्तराखंडी ने बताया कि साल 1967 में जौनसार बावर परगने को एसटी का दर्जा मिला। जबकि साल 1983 में राजस्व अभिलेखों में सात सौ बीघा जमीन बाहरी लोगों के नाम दर्ज कर दी गई, जिसकी जांच की जानी जरूरी है। चकराता को पर्यटन मानचित्र पर लाने की कवायद शुरू करने की मांग करते हुए उन्होंने रक्षा मंत्री को बताया कि चकराता में विदेशी पर्यटकों के आने पर प्रतिबंध है, जिससे क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा नहीं मिल रहा है।

लिहाजा एक ऐसा उपाय किया जाना चाहिए जिसके तहत कैंट क्षेत्र के बाहर से सड़कें बने और सभी पर्यटकों के लिए खोला जाए। ऐसी व्यवस्था से क्षेत्र के हजारों युवाओं को रोजगार मुहैया होगा। उन्होंने रक्षा मंत्री के सामने पुराने कालसी में जहां पुराना बीएसएफ का कैंप लगता था वहां पुन: बीएसएफ कैंप लगाने की मांग भी रखी।

बताया कि कुछ समय से पुराने कालसी में अवैध कब्रिस्तान बनाया जा रहा था, जिस पर वन विभाग ने रोक लगा दी है। इस जमीन को बीएसएफ के उपयोग के काम में लाया जा सकता है। रक्षा मंत्री से मिलने वालों में पूर्व मंत्री एवं करणी सेना राष्ट्रीय संयोजक भी नारायण सिंह राणा भी शामिल रहे।

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