उत्तराखंड सरकार द्वारा हरिद्वार जिले के स्थानों के नाम बदलने के फैसले पर जन अधिकार पार्टी जनशक्ति की राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रवक्ता हेमा भंडारी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि स्थानों का नाम बदलना जनभावनाओं से जुड़ा नहीं है। हरिद्वार जिले में नाम बदलने के संभावित सामाजिक प्रभावों पड़ सकते है। नामों को बदलने से पहले स्थानीय लोगों की राय जाननी चाहिए थीं।
हेमा भंडारी ने कहा कि नाम बदलने से ज्यादा जरूरी राज्य का विकास है। सरकार नए नामों के वजाय इन क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाए जैसे सड़क, स्कूल, और अस्पताल क़ो सुधारने की बात करती और पलायन, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर ध्यान देकर सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा शुरू हो रही है जिस पर सरकार की तैयारियां पूरी नहीं है। नए नए नियम लागु कर यात्रा क़ो सुगम की जगह दुर्गम बनाने में लगी है। यहाँ अधिकतर जनता की जीविका चार धाम यात्रा पर निर्भर है।
सरकार की प्राथमिकता इस वक़्त श्रद्धांलुओं क़ो उत्तराखंड बुलाकर उन्हें सुगम तरिके से चार धाम यात्रा की होनी चाहिए। आज होटल और ट्रेवल्स व्यवसायी अपनी रोजी रोटी के संकट क़ो लेकर परेशान है। इस समय सरकार क़ो नाम बदलने से ज्यादा जरुरी श्रद्धांलुओं की यात्रा पर होना चाहिए था। उन्होंने सरकार का नाम बदलने क़ो लेकर जल्दबाजी और थोपने जैसा फैसला बताया ।
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