CENTRAL MINISTRY : सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय का दो दिवसीय चिंतन शिवर हुआ सम्पन, 34 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेश और देश के 19 मंत्रियों ने शिविर में लिया भाग

CENTRAL MINISTRY  सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा देहरादून में आयोजित चिंतन शिविर 2025 के दूसरे दिन रचनात्मक संवाद, नीतिगत सामंजस्य और जमीनी स्तर पर बदलाव पर ध्यान केंद्रित किया गया। पहले दिन के विचार-विमर्श को आगे बढ़ाते हुए आयोजन के दूसरे दिन व्यावहारिक मुद्दों का समाधान खोजने, केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और अन्य कार्यान्वयन भागीदारों के बीच सहयोग करने, अधिक कारगर शासन और गहरा असर डालने का सूत्रपात करने, समावेशिता सुनिश्चित करने, और मंत्रालय के तहत विभिन्न योजनाओं और पहलों में डिलीवरी तंत्रों को सशक्‍त बनाने पर चर्चा की गई। CENTRAL MINISTRY

CENTRAL MINISTRY  दिन की शुरुआत सामाजिक सशक्तिकरण पर एक सत्र से हुई, जिसमें *नशीले पदार्थों की मांग में कमी लाने की राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपीडीडीआर) और नशा मुक्त भारत अभियान (एनएमबीए) के तहत राष्ट्रीय प्रयासों पर प्रकाश डाला गया। राज्यों ने नशीले पदार्थों के सेवन से निपटने में फील्‍ड-स्तरीय चुनौतियों और नवाचारों को प्रस्तुत किया, जिसमें सामुदायिक लामबंदी और जागरूकता अभियानों की भूमिका पर जोर दिया गया। इसके बाद *भिक्षावृत्ति के कार्य में लिप्त लोगों के व्यापक पुनर्वास पर चर्चा हुई, जिसमें राज्यों ने जमीनी स्तर पर व्यावहारिक मुद्दों और समाज की मुख्यधारा में एकीकृत करने की कार्यनीतियों पर बहुमूल्य सुझाव दिए। CENTRAL MINISTRY

CENTRAL MINISTRY  दीनदयाल दिव्यांगजन पुनर्वास योजना (डीडीआरएस) पर भी चर्चा की गई, जिसमें भाग लेने वाले राज्यों ने सर्वश्रेष्‍ठ कार्य-पद्धतियां प्रस्तुत की और विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में इसका विस्तार करने के लिए प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की। इन सत्रों में केंद्र और राज्यों के समवेत प्रयासों के रूप में मिलजुल कर काम करने के महत्व को दर्शाया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी व्यक्ति पीछे न छूटे। तकनीकी सत्र में सिंगल नोडल एजेंसी (एसएनए) पद्धतियों, सामाजिक लेखा-परीक्षा और एनआईएसडी की अगुआई में क्षमता निर्माण पहलों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। इस विचार-मंथन से पारदर्शिता, निगरानी और योजनाओं के कुशल कार्यान्वयन में सुधार लाने के उद्देश्य से  सहयोग और समन्वय के प्रति सामूहिक दृष्टिकोण प्रतिबिंबित हुआ। CENTRAL MINISTRY

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CENTRAL MINISTRY  पहले दिन राज्यों की ओर से 11 और दूसरे दिन 10 प्रस्तुतियां दी गईं, जिनमें से कुछ सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभागों के प्रभारी राज्य मंत्रियों द्वारा दी गईं। इन प्रस्तुतियों के अलावा, राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों ने ऐसे मुद्दे उठाए जिनसे मौजूदा योजनाओं का कार्यान्वयन प्रभावित होता है। साथ ही, उन्‍होंने भविष्य में सुधार लाने के लिए सुझाव भी दिए। मंत्रालय के चार राष्ट्रीय वित्त एवं विकास निगमों – एनएसएफडीसी, एनबीसीएफडीसी, एनडीएफडीसी और एनएसकेएफडीसी की समीक्षा से एससी, ओबीसी, दिव्यांगजनों और सफाई कर्मचारियों के बीच आय सृजन और आजीविका संवर्धन प्रयासों के बारे में जानकारी मिली। हितधारकों ने वित्त तक पहुंच को सरल बनाने और लाभवंचित समूहों के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के बारे में विचार-विमर्श किया। CENTRAL MINISTRY

CENTRAL MINISTRY  सभी विषयों पर और सभी सत्रों में राज्यों और संघ राज्य-क्षेत्रों ने अपने अनुभव, चुनौतियों और उपलब्धियों को साझा किया, जिससे चिंतन शिविर की साझी सीख और सर्वोत्तम कार्य-पद्धतियों का बहुमूल्‍य संग्रह तैयार हुआ। इस सहभागी परिवेश से ज़मीनी स्तर पर व्यावहारिक मुद्दों पर-डिजिटल बुनियादी ढांचे की कमी से लेकर कौशल और जागरूकता अभियान की ज़रूरत तक-उच्‍च कटि के सुझाव प्राप्‍त हुए-जिसके परिणामस्‍वरूप यहां से कार्रवाई-योग्य सीख मिली है । समापन सत्र में राज्यों और संघ राज्य-क्षेत्रों के माननीय मंत्रियों ने अपने संबोधन में संघीय सहयोग की भावना को मजबूत किया। डॉ. वीरेंद्र कुमार, माननीय केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री ने अपने समापन भाषण में एक ऐसे मंच के रूप में चिंतन शिविर के महत्व पर प्रकाश डाला जो रचनात्मक संवाद को बढ़ावा देता है, **सहयोगात्‍मक सोच को उत्‍प्रेरित करता है, और नीति में साक्ष्य-आधारित संशोधन का मार्ग प्रशस्त करता है। CENTRAL MINISTRY

CENTRAL MINISTRY  यह कार्यक्रम सामूहिक विजन और उत्‍तरदायित्‍व की भावना के साथ संपन्न हुआ, जिसमें सभी हितधारकों ने एक ऐसे विकसित भारत के निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई जो प्रत्येक नागरिक के लिए समावेशी, न्यायसंगत हो और उन्‍हें सबल बनाने वाला हो। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री विरेन्द्र कुमार ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि इस दो दिवसीय चिंतन शिविर में 34 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों और देश के 19 मंत्रियों ने भाग लिया।उन्होंने कहा कि मंत्रालय का ये उद्देश्य है कि केंद्र की योजनाओं को समग्र रूप से राज्यों में लागू किया जा सके ताकि ज़रूरतमंदों तक उसका लाभ पहुँचे। CENTRAL MINISTRY

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार का भी नशा मुक्ति पर विशेष ध्यान है। उन्होंने कहा कि सरकार पुलिस प्रशासन के अलावा नशा मुक्ति की समस्या को सामाजिक जागरूकता से दूर किया जा सकता है।नशा उन्मूलन के लिए सरकार और प्रशासन के साथ साथ समाज की भागीदारी अहम है।  केंद्रीय मंत्री ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि इस दो दिवसीय चिंतन शिविर में अलग अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आए अधिकारियों और मंत्रियों ने अपने अपने राज्य में समाज कल्याण से जुड़ी योजनाओं के बारे में जानकारी साझा की।

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