मुख्य विकास अधिकारी एस.एल. सेमवाल ने भटवाड़ी ब्लॉक के धनपुर गांव में गेहूं फसल की क्रॉप कटिंग की

उत्तरकाशी, 08 मई 2025 आज भटवाड़ी ब्लाक के धनपुर गांव में मुख्य विकास अधिकारी एस.एल. सेमवाल द्वारा गेहूं फसल की क्रॉप कटिंग की गई। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि क्रॉप कटिंग का मुख्य उद्देश्य जनपद में हो रही फसलों की अनुमानित ऊपज के आंकड़ों को प्राप्त करना है।

उन्होंने बताया कि इन आंकड़ों का उपयोग प्रदेश की खाद्य और अर्थव्यवस्था, विकास योजनाओं को अधिक प्रभावी और सक्षम बनाने की दिशा में किया जाता है। क्रॉप कटिंग के लिए 30 वर्ग मीटर (6×5) के प्लॉट का चयन किया गया था, जिसमें गेहूं की फसल की कटाई की गई। प्राप्त ऊपज के आंकड़े ग्राम और तहसीलवार जनपद के माध्यम से प्रदेश और भारत सरकार को भेजे जाएंगे।

इस क्रॉप कटिंग से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर, भविष्य में कृषि योजनाओं और खाद्य सुरक्षा को बेहतर ढंग से लागू किया जा सकेगा, जिससे किसानों को लाभ मिलेगा और प्रदेश की कृषि व्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

मुख्य विकास अधिकारी एस.एल. सेमवाल ने इस दौरान किसानों को भी संदेश दिया कि इस प्रकार की क्रॉप कटिंग से हमें फसलों की वास्तविक स्थिति का पता चलता है, जो न केवल कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सरकार को खाद्यान्न संकट और आपूर्ति श्रृंखला को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में भी मदद करता है। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के आंकड़े सरकार को कृषि नीतियों में सुधार करने का अवसर प्रदान करते हैं, जिससे किसान समुदाय को अधिक लाभ मिल सके।

इसके साथ ही, उन्होंने कृषि विभाग और संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि क्रॉप कटिंग के कार्य को सही तरीके से किया जाए और सही आंकड़े एकत्र किए जाएं ताकि इनका उपयोग विकास योजनाओं में किया जा सके। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कृषि योजनाओं का क्रियान्वयन तभी सही रूप से होगा जब हमारे पास सही और सटीक आंकड़े होंगे।

वहीं, ग्राम प्रधान और स्थानीय किसान प्रतिनिधियों ने भी इस पहल की सराहना की और कहा कि इससे किसान समुदाय को फसलों की सटीक स्थिति और उत्पादन के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त होगी, जिससे वे अपने कृषि कार्यों को और अधिक प्रभावी रूप से कर सकेंगे।

यह क्रॉप कटिंग प्रक्रिया उत्तरकाशी जिले में कृषि सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, और उम्मीद जताई जा रही है कि इससे प्रदेश के किसानों की आय में वृद्धि होगी और कृषि संबंधी योजनाओं को अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा।

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