good opportunity उत्तराखंड में एनसीसी, एनएसएस, नेहरू युवा केंद्र तथा भारत स्काउट एवं गाइड के स्वयंसेवकों के लिए आपदा मित्र बनने का सुनहरा मौका है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, गृह मंत्रालय, भारत सरकार की महत्वाकांक्षी युवा आपदा मित्र परियोजना के तहत उत्तराखण्ड में 4310 स्वयंसेवकों को आपदाओं का सामना करने में सक्षम तथा फर्स्ट रिस्पांडर के रूप में दक्ष बनाया जाएगा। सोमवार को सचिव, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने इस योजना को लागू किए जाने को लेकर चारों युवा संगठनों के प्रतिनिधियों तथा यूएसडीएमए के अधिकारियों के साथ बैठक कर जरूरी दिशा-निर्देश दिए। good opportunity
- युवा आपदा मित्र योजना के तहत उत्तराखण्ड में चार हजार से अधिक स्वयंसेवकों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
- एनसीसी, एनएसएस, भारत स्काउट एवं गाइड तथा नेहरू युवा केंद्र के स्वयंसेवक आपदा के दौरान निभाएंगे महत्वपूर्ण भूमिका
- सचिव आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास ने ली बैठक, तय किए लक्ष्य
good opportunity गौरतलब है कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं मेरा युवा भारत, युवा सेतु, सबका प्रयास और आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर 10 प्वाइंट एजेंडा को ध्यान में रखते हुए इस योजना को पूरे देश में लागू किया गया है। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने बताया कि उत्तराखण्ड के युवा जो एनसीसी, एनएसएस, नेहरू युवा केंद्र और भारत स्काउट एवं गाइड के स्वयंसेवक हैं, वह इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना का उद्देश्य समुदायों को व्यवहार परिवर्तन के माध्यम से आपदाओं का सामना करने में सक्षम बनाना और उन्हें फर्स्ट रिस्पांडर्स के रूप में दक्ष करना है ताकि किसी भी आपदा के समय वे राहत और बचाव कार्यों के साथ ही आपदा न्यूनीकरण और प्रबंधन के प्रयासों में अपना योगदान दे सकें। उन्होंने बताया कि 25 जुलाई 2024 को माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी और इसका संचालन एनडीएमए के दिशा-निर्देशन और देख-रेख में होगा। good opportunity
उत्तराखण्ड के 11 जिलों में लागू की गई है योजना
देहरादून। गौरतलब है कि यह योजना देश के 315 जिलों में लागू की गई है। पूरे देश में 237326 स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया जाना है। साथ ही पूर्व में प्रशिक्षित 1300 आपदा मित्रों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं यह योजना उत्तराखण्ड के 11 जनपदों में लागू की गई है, जिसके तहत 4310 स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा और 20 प्रशिक्षित आपदा मित्रों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
good opportunity 50 फीसदी महिलाओं को किया जाएगा प्रशिक्षित
देहरादून। युवा आपदा मित्र योजना के तहत स्वयंसेवकों की उम्र 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए। संबंधित जनपद का निवासी होना चाहिए तथा एनसीसी, एनएसएस, नेहरू युवा केंद्र या भारत स्काउट-गाइड में नामांकन होना चाहिए। कम से कम 7वीं कक्षा उत्तीर्ण हों। शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से स्वस्थ होना चाहिए। इसके साथ ही महिला स्वयंसेवकों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पचास फीसदी महिला स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किए जाने के प्रयास किए जाएंगे।
आपातकालीन किट दी जाएगी, इंश्योरेंस भी होगा
देहरादून। प्रशिक्षण पूरा करने वाले स्वयंसेवकों को उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की तरफ से प्रशस्ति पत्र के साथ ही एक आपातकालीन किट भी प्रदान की जाएगी। इस किट का इस्तेमाल वह आपदा के दौरान राहत और बचाव कार्यों के लिए कर सकेंगे। किट में लाइफ जैकेट, सौर ऊर्जा से भी चार्ज हो सकने वाली टॉर्च अथवा आपातकालीन लाइट, सुरक्षा दस्ताने, चाकू, फर्स्ट एड किट, गैस लाइटर, सीटी, पानी की बोतल, मच्छरदानी, यूनिफॉर्म, बरसाती गम बूट, सेफ्टी गौगल्स, सेफ्टी हेलमेट तथा बहु उपयोगी रस्सी शामिल रहेगी। इसके साथ ही स्वयं सेवकों का 03 साल के लिए लाइफ एवं मेडिकल इंश्योरेंस भी कराया जाएगा।
पाठ्यक्रम भी निर्धारित, आपदा प्रबन्धन के प्रत्येक क्षेत्र में दक्ष बनेंगे स्वयंसेवक
good opportunity देहरादून। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा इसके लिए पाठ्यक्रम भी निर्धारित किया गया है। स्वयंसेवकों को आपदा प्रबंधन, आपदा पूर्व तैयारी, भूकंप सुरक्षा, खोज एवं बचाव, अग्नि सुरक्षा, बाढ़, आकाशीय बिजली, समुदाय आधारित प्रथम उपचार, सीपीआर, रक्तस्राव रोकना तथा घाव का उपचार, मरीज को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाना, सर्पदंश तथा अन्य विषैले जीवों के के काटने, रस्सी से रेस्क्यू करने, रासायनिक आपदा के अलावा भूस्खलन और शीत लहर आदि आपदाओं का प्रभावी तरीके से सामना करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। good opportunity
देहरादून। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने कहा कि यह बहुत अच्छी योजना है। उत्तराखण्ड विभिन्न प्रकार की आपदाओं का लेकर संवेदनशील है और आपदाओं का प्रभावी तौर पर सामना करने में समुदायिक भागीदारी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। सामुदायिक जागरूकता से आपदाओं से होने वाली क्षति को काफी हद तक कम किया जा सकेगा। इसी उद्देश्य से यह योजना भारत सरकार द्वारा लागू की गई है। उन्होंने इच्छुक स्वयंसेवकों से उत्तराखण्ड को आपदाओं से सुरक्षित रखने में अपना योगदान देने का अनुरोध किया।